रिटायर्ड कर्नल को डिजिटल अरेस्ट कर ईडी का अधिकारी बता कर करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में दो शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया

Two Vicious Accused were Arrested in the Case
पकड़े गए आरोपियो के कब्जे से मोबाइल फोन बरामद।मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की दी थी धमकी।
पकड़े गए आरोपियो को नारनौल और राजस्थान से गिरफ्तार किया।
पुलिस पकड़े गए आरोपियों के ठिकाने और अन्य साइबर अपराधों में उनकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ जारी।
रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Two Vicious Accused were Arrested in the Case: यूटी पुलिस के थाना साइबर सैल पुलिस ने हाल ही में रिटायर्ड कर्नल को डिजिटल अरेस्ट कर ईडी का अधिकारी बता कर करोड़ों रुपए की ठगी करने के मामले में दो शातिर आरोपियो को हरियाणा के जिला नारनौल और एक को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपियो की पहचान हरियाणा के जिला मोहिंदरगढ़ के रहने वाले 25 वर्षीय महक यादव और जिला झुंझुनू राजस्थान के रहने वाले 23 वर्षीय सचिन शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियो के कब्जे से इस्तेमाल किए मोबाइल फोन भी बरामद किए है। पकड़े गए आरोपियो के खिलाफ धारा 308, 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) बीएनएस के तहत थाना। साइबर सैल में एक अप्रैल को मामला दर्ज है। चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते थाना साइबर सैल पुलिस ने दोनो शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है।पुलिस पकड़े गए आरोपियों के ठिकाने और अन्य साइबर अपराधों में उनकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ कर रही है। ताकि और भी मामलो का पता चल पाए। पुलिस के अनुसार आरोपी महक यादव ने खुलासा किया कि उसके खाते में 1.05 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। और उसने कमीशन के रूप में 1,20,000/- की राशि ली थी। आगे की जांच के दौरान पुलिस रिमांड हासिल किया गया और एक और आरोपी सचिन शर्मा को जयपुर राजस्थान से 07 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया।
क्या था मामला
जानकारी के अनुसार शिकायत कर्ता कर्नल सेवानिवृत दलीप सिंह ने पुलिस को बताया कि 18 मार्च को सुबह करीब साढ़े 10 बजे एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई से प्रवर्तन निदेशालय ईडी का अधिकारी बताया।और कहा कि पीड़ित का मुंबई स्थित एक बैंक का खाता एक अकाउंट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रयोग हुआ है। फोन करने वाले ईडी के फर्जी अधिकारी ने कहा कि नरेश गोयल नाम के शख्स ने उन्हें इस मामले में फसाया है। अज्ञात ने कहा कि उन्होंने अपना खाता 5 लाख रुपए में बेचा था। दो करोड़ रुपए मनी लॉन्डिंग के लिए 20 लाख रुपए का बतौर कमीशन भी लिया है। अज्ञात ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी आदेश दिखाया और उन्होंने उन्हें 08 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर करने के लिए कहा था। उन्हें वीडियो कॉल पर रखा।उन्होंने उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी के रूप में रखा। इसके बाद आरोपी ने उन्हें धमकाया और अधिक राशि ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस पर शिकायतकर्ता ने उसे दिए गए विभिन्न खाता नंबरों में 08 लाख, 60 लाख, 80 लाख, 88 लाख और 01 करोड़ 05 लाख रुपये की अलग-अलग रकम ट्रांसफर कर दी।उन्हें अलग-अलग नंबरों से कॉल आए। इस प्रकार डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए उनके साथ 3 करोड़ 41 लाख रुपये की ठगी हुई। रिटायर्ड कर्नल ने इंसाफ की मांग को लेकर उच्चाधिकारियों से भी मांग थी।